Asia tallest shiv temple jatoli (एशिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर )

                                             जटोली मंदिर 

                                            हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है क्योकि यहाँ पर बहूत सारे हिन्दू देवी देवताओ के पूजनीय मंदिर है आज में  आपको इन्ही सब मंदिरों में से एक मंदिर के बारे में बताने जा रही हु जिस मंदिर का नाम है जाटोली मंदिर

                                 


जटोली मंदिर(JATOLI TEMPLE)

                    हिमाचल प्रदेश में शिवजी भगवान के बहूत सारे मंदिर स्थापित है और सभी मन्दिरों का अपना अपना महत्व है  भगवान् शिव को देवो के देव महादेव के नाम से भी जाना जाता है हमारे यहाँ शिवजी भगवान् की पूजा बहूत  पुराने समय से होती आ रही है हिमाचल प्रदेश के  जिला सोलन में भी एक शिव मंदिर स्तिथ है यहाँ सोलन जिले के जटोली नामक स्थान पर स्थित है यह एशिया का सबसे ऊँचा मंदिर है


                                                         इस मंदिर का निर्माण दक्षिण-द्रविड़ शेली से किया गया है और इस  मंदिर का गुबंद 111 फीट ऊँचा है जिसके कारण ये एशिया का सबसे ऊँचा मंदिर है  इस मंदिर की सुन्दरता देखते ही बनती है  इसकी दीवारों पर सभी देवी देवताओ के इतने सुंदर चित्र बनाये गये है  जिसे  देखने के लिए लोग दूर दूर से  आते है इस मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 39 वर्षो से चल रहा है  और अभी भी वर्तमान समय में भी इसका काम चल ही रहा है  

                  


मंदिर का प्रवेश दवार


इस मंदिर से जुडी कुछ मान्यताऐ भी है
    


                                                         कहा जाता है की पुराणिक काल में शिवजी भगवान यहाँ आकर कुछ समय के लिए विश्राम के लिए  ठेहरे थे उसके कुछ समय बाद एक सिद्ध तपस्वी बाबा जिनका नाम कृष्णानन्द था जिन्हें वर्तमान समय में श्री श्री 1008 स्वामी कृष्णानंद परमहंश  जी के नाम से सम्भोदित किया जाता है यहाँ आये थे  यहाँ आकर उन्होंने कई वर्षो तक तपस्या की थी उनके कहने पर ही यहाँ पर शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया कुछ समय पश्चात् उन्होंने समाधि ले ली थी  इस  मंदिर के एक किनारे पर उनकी एक गुफा भी स्थित है जहा पर शिवलिंग  स्थापित किया गया है मंदिर के परिसर में भगवान की शिव प्रतिमा भी स्थापित की गई है इसके लग भग 200 मीटर की दुरी पर शिवलिंग स्तापित किया गया है



शिवलिंग

                                    एक मान्यता यहाँ भी है की उस समय यहाँ के लोगो को पानी की समस्या से गुजरना पड़ता था जिसे देखते हुए स्वामी कृष्णानंद जी ने भगवन शिवजी की घोर तपस्या की और अपनी तपस्या के फलस्वरूप उन्होंने त्रिशूल के प्रहार से जमींन में से पानी निकाला तब से लेकर आज तक इस  स्थान पर पानी की कभी कोई समस्या नहीं आई लोगो  इस पानी को बहूत चमत्कारी भी मानते है लोगो का माना है की इस पानी में किसी भी रोग को दूर करने की चमत्कारी शक्ति है

                                       यहाँ मंदिर सोलन शहर से करीब 7 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है इस  मंदिर में हर शिवरात्रि के मोके पर भारी संख्या में श्रद्रालो आते है इस मंदिर तक पहुचने के लिए आपको 100 सीडीयो का सफ़र चढ़ कर तय करना पड़ेगा परन्तु वर्तमान समय में यहाँ मंदिर तक पहुचने के लिए सड़क निर्माण का कार्य भी पूरा हो रहा है 

                           

                                                       जय शिव शम्भु जय भोले नाथ


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