नमस्कार दोस्तों ,
आज में फिर एक नए ब्लॉग के साथ आई हुं | आज में फिर आपको एक तीरथ स्थान के बारे में बताने जा रही हुं | हिमाचल प्रदेश को लोग देव भूमि के नाम से भी जानते है जिसका एक बड़ा कारण है यहाँ पर स्थित देवी देवताओ के मंदिर जो लोगो को अपनी और आकर्षित करते है क्योकि हिमाचल प्रदेश एक धरम निरपेक्ष राज्य है अत यहाँ पर सभी धर्मो के लोग रहते है और उन्हें अपने धर्म को मानने और अपनी इच्छा अनुसार पूजा पाठ करने का पूरा अधिकार है अत; लोगो के पूजा पाठ करने के लिए कई पूजनीय स्थल बने हुए है जो लोगो को अपनी और आकर्षित करते है आज में आपको ऐसे ही एक देवी स्थल के बारे में बताने जा रही हु जिनके दर्शन करने के लिए लोग दूर दूर से आते है
त्रिलोकपुर ( TRILOKPUR )
त्रिलोकपुर मंदिर ( TRILOKPUR TEMPLE ) |
मंदिर (TEMPLE) |
इस मंदिर से जुडी कुछ कथाए और मान्यताये है
कथा के अनुसार कहा जाता है की बहूत वर्ष पूर्व यह एक व्यापारी रहा करता था जिसका नाम रामदास था एक बार वह मुजफरनगर व्यापर करने गया वहा से वह नमक लेकर आया उसने काफी नमक बेच दिया लेकिन जब उसने देखा तो नमक कम ही नहीं हुआ यहाँ देख कर वह घबरा गया जब वहा रात्रि में सो रहा था तो उसे एक स्वपन आया स्वपन में उसे माँ भगवती ने बाल रूप में दर्शन दिए और कहा की में तुम्हारी नमक की बोरी में आ गई हु और अब मेरा निवास तुम्हारे आगन में स्थित पीपल वृक्ष की जड़ में है लोक के कल्याण के लिए अब तुम मेरे मंदिर का निर्माण करो जब सुबह व्यापारी उठा तो उसने अपने आँगन में आकर उस पीपल के वृक्ष को देखा उसी समय वहा जोर से बादल की गर्जना हुई और बिजली चमकी जिसके साथ ही देखते देखते पेड़ जड़ से फट गया और माता साक्षात् रूप से प्रकट हो गई उस समय वह का शासक महाराजा प्रदीप प्रकाश था माता ने उसे भी स्वपन में दर्शन दिए और वह अपना मंदिर बनवाने की इच्छा प्रकट की माता का आदेश पाते ही राजा ने मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया तीन वर्षो में ही मंदिर का कार्य पूरा कर लिया गया इस मंदिर के लिए कीमती सामान आदि जयपुर से मंगवाया गया यह मंदिर मुगलकालीन वास्तुकला का जीता जागता प्रमाण है इस मंदिर की सुन्दरता देखते ही बनती है इसके चारो और दीवारों पर देवी देवताओ की प्रतिमाये स्थापित की गई है कुछ समय बाद इस मंदिर की देख रेख का कार्य हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने हाथो में ले लिया और वह माता बाला सुन्दरी मंदिर त्रिलोकपुर बोर्ड का गठन किया गया
शिव मंदिर
यह ध्यानु भगत के मंदिर के पास में शिव भगवान की पिंडी की स्थापना की गई है यह मंदिर एक सरोवर के मध्य में स्थित है जो बहुत ही सुंदर है
शिव मंदिर ( SHIV MANDIR ) |
यहा तक पहुचने का रास्ता
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