महागौरी की कथा ( Story of Mata Mahagauri )

 नमस्कार दोस्तों,

                              आज नवरात्रि का आठवाँ दिन है यानी  महागौरी माता का दिन | हम नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी  की पूजा करते है | कहा जाता है की इस दिन जो भी माता की पूजा पुरी विधि विधान से करता है उस पर माता की खास कृपा रहती है और उसकी सभी मनोकामना पूरी होतीं है इन माता का रूप चंद्रमा की तरह उज्वल है माता महागौरी बहुत ही ममतामई और दयालु है 


माता महागौरी

माता महागौरी की कथा 

                                       पुराणिक कथा के अनुसार माता महागौरी का जन्म हिमालय राज के घर हुआ था कहा जाता है की माता गौरी जब 8 वर्ष की हुई तभी उन्हें अपने पिछले जन्म की यादें याद आने लगी थी और तभी माता ने शिव भगवान को अपने पति के रूप में पाने के लिए तपस्या करना शुरु कर दिया था कहा जाता है की माता ने बहुत घोर तपस्या की अपने तपस्या के दौरान उन्होंने केवल फल फूल और पतों का ही सेवन किया और उसके कुछ समय बाद उन्होंने वो भी छोड़ दिया और केवल वायु पर ही जीवित रहे इस तप से माता को बहुत गोरव प्राप्त हुआ और उनका नाम महागौरी पड़ा कहा जाता है की इतने घोर तपस्या से उनका शरीर एक दम क्षीण और काला पड गया था जब शिव भगवान उनकी तपस्या से खुश हो  गये तब उन्होंने माता को गंगा स्नान करने के लिए कहा जब माता गंगा स्नान करके वापिस आई तब उनका श्याम वर्ण के साथ एक और रूप प्रकट हुआ जिसे बाद में कोशिका माता के नाम से जाना गया और उनका दूसरा रूप प्रकट हुआ जो चन्द्र के समान उज्वल था जो माता महागौरी के नाम से जाना गया जो भी माता की सच्चे मन से प्राथना करता है माता उसकी सभी मुरादे पूरी करती है 


                                                                                       जय माता दी 

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                                                                                                                          धन्यवाद 

                               

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