Dagshai, a mysterious place (एक रहस्यम स्थान दगशाई )

                                कहानी

 नमस्कार दोस्तों ,                                                                                                                                                    आज में फिर एक नया ब्लॉग लेकर आई हूँ | आज में आपके लिए फिर एक नई और रहस्यमय कहानी लेकर आई हुं | यह कहानी हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से स्टेशन की है  इस जगह का नाम है दगशाई | दगशाई एक छोटी सी जगह है परन्तु इसका सम्बन्ध अँग्रेजों के काल से जुड़ा हुआ है | हिमाचल के सोलन जिले से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है दगशाई यह एक बहुत ही सुंदर और हरी भरी जगह है यह एक बहुत ही छोटी सी जगह है यह कोई टूरिस्ट प्लेस नही है अंत यह ज्यादा लोग नही आते जाते यही कारण है की बहुत कम लोग इस बारे में जानते है यह एक बहुत ही शांत जगह है परन्तु कुछ लोग इसे होन्टेड जगह कहते है |

.                          दगशाई एक बहुत ही खूबसूरत जगह है यह चारों और सुंदर ऊँचे पहाड़ चारों और हरी भरी वादिया है परन्तु अगर हम इसके इतिहास के बारे में बात करे तो इसका इतिहास बहुत ही डरावना है | इसके इतिहास की तरह ही इसके नाम का भी एक अपना इतिहास है  पहले समय में इस जगह को दाग-ए-शाही के नाम से जाना जाता था | पुराने समय में जब यह मुग़ल राजाओ का राज्य था उस समय मुग़ल राजा अपराधियों को दंड देने के लिए इसी स्थान पर भेजते थे | इसीलिए इस जगह का नाम दाग-ए-शाही पड़ा जिसका अर्थ था शाही दाग | धीरे धीरे समय के साथ इसका नाम में भी परिवर्तन आ गया और अब इसे दगशाई के नाम से जाना जाता है |दगशाई में देखने के लिए सिर्फ एक दो जगह ही है एक अंग्रेजों के जमाने की जेल और उसी समय का कब्रिस्तान | और आज में जिस कहानी की बात कर रही  हुं वो इसी जगह की है |

                                



                   कहा जाता है की यह कब्रिस्तान ब्रिटिश राज के समय का है बताया जाता है की 1909 में  मेजर जार्ज वेस्टन नाम का ब्रिटिश अंग्रेज दगशाई में अपनी पत्नी मैरी के साथ रहने आए थे | मेजर एक डॉक्टर था और उनकी पत्नी  मैरी एक नर्स थी दोनों निसंतान थे उनके कोई बच्चा नही था | हिमाचल ऋषि, मुनियों और संतो का देश है | एक ऐसे ही संत उन दोनों पति पत्नी को मिले जिन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया और उनके आशीर्वाद के फलस्वरूप  मैरी जल्द ही गर्भवती हो गई लेकिन दुर्भाग्यवश जब वह 8 महीने की गर्भवती थी तो उसकी मृत्यु हो गई |

                           कहा जाता है की मेजर ने अपनी मरी हुई पत्नी और अजन्मी बेटी की याद में एक बहुत ही खुबसुरत कब्र बनवाई उन्होंने अपनी बीवी और बेटी की कब्र के लिए खास तोर पर संगमरमर इंग्लैंड से मंगवाया था परन्तु कुछ समय बाद यह चर्चा होने लग पड़ी की जो स्त्रिया गर्भवती है यदि वह  मैरी की कब्र से संगमरमर का टुकड़ा तोड़ कर अपने घर ले जाएगी तो उन्हें पुत्र की प्राप्ति होगी |  कई लोगो  ने बेटे को जन्म देनी की चाह में मैरी की कब्र को तोड़ना शुरू कर दिया | उसके बाद कई लोगो ने यह दावा किया की उन्होंने  कब्र पर  मैरी की आत्मा को देखा है लोगो को कहना है की अपनी कब्र को लोगो से बचाने के लिए  मैरी की आत्मा ऐसा करने लगी है |

                             यह से जुड़ी एक और कहानी भी है | यह कहानी दगशाई सेंट्रल जेल से है जो 1849 इसवी में बनाई गई थी | इस जेल में कई लोगो की मोते हुई है यह पर लोगो को यातनाएँ दी जाती थी इसीलिए लोगो का कहना है की उन्हें यह आकर एक नकारात्मक से वातावरण का एहसास होता है इस जेल में लोगो पर बहुत अत्याचार होते थे उन्हें कई तरह की भयानक यातनाएँ दी जाती है जिसे सोच कर भी दिल डर जाता है उस समय लोग इस जेल को काला पानी  कह कर पुकारते थे |बहूत कम लोग जानते है की इसी जेल में महात्मा गाधी जी ने भी एक रात गुजारी थी परन्तु वो यह केवल कैदियों को  मिलने आयें थे जो उस समय यह सजा काट रहे थे | महात्मा गाँधी की हत्या करने वाले नाथू राम गोडसे को भी इसी जेल में रखा गया था 

                         

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

महामाया मंदिर