संकट मोचन मंदिर

             हिमाचल प्रदेश कि राजधानी शिमला का नाम आते ही आँखों के आगे सूंदर ऊंचे पर्वत बर्फ से ढके पहाड़ ऊंचे ऊंचे पहाड़ों से गिरती नदिया शांत वातावरण सामने आ जाता है । शिमला जितना अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है । उतना ही यहाँ पर बने सूंदर और प्राचीन मंदिरो के लिए जाना जाता है । शिमला मे बहुत से प्राचीन मंदिर है उन्हीं मे से एक मंदिर है संकट मोचन मंदिर जो शिमला मे स्थित है । 


Sankat mochan temple


मंदिर का इतिहास

                           माना जाता है कि जब संत नीब करोरी बाबा इस मशहूर ऊंची चोटी जिसे तारा देवी चोटी के नाम से जाना जाता है दस ग्यारह दिन यहाँ पर कुटिया बना कर रहे । एक दिन ध्यान करते हुए उनके मन मे विचार आया कि यहाँ पर एक हनुमान जी का मंदिर होना चाहिए ।  उन्होंने अपना ये विचार अपने भगतो को बताया बाबा कि इस इच्छा के बारे मे उस समय के गवर्नर राजा बजरंग बहादुर जी तक भी पहूँची । आखिर सन् 1962 इसवी मे सभी ने मिलकर मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू किया । 

मंदिर कि स्थापना 

                        मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली से बनवाया गया है । मंदिर का निर्माण बहुत ही सूंदर ढंग से करवाया गया है । मंदिर के अंदर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कि गई है हनुमान जी के साथ साथ मन्दिर मे राम सीता लक्ष्मण जी कि मुर्तिया भी स्थापित है । इस मन्दिर मे भगवान शिव कि भी मूर्ति भी स्थापित है । इसमें भगवान गणेश कि और नव गृह  कि मुर्तिया स्थापित है । इस मंदिर मे बाबा नीब करोरी कि भी एक मूर्ति स्थापित है ।

                          यह मंदिर लगभग 19 बिघा क्षेत्र मे फैला हुआ है । मंदिर में हर रविवार को भंडारा दिया जाता है । भगतो के रुकने के लिए कमरों की व्यवस्था है ।  

Sankat mochan temple


मंदिर तक पहूँचने का मार्ग 

                आप मंदिर मे किसी भी तरह से आसानी से पहुँच सकते है । शिमला से 5 किलोमीटर पीछे मेन हाईवे पर स्थित है ।

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