करणी माता मंदिर

 हमारे भारत देश मे देखने के लिए बहुत सी सूंदर जगहें हैं । कहीं ऐतिहासिक सूंदर इमारतें हैं । तो कहीं बहुत ही अद्भुत बने ऐसे स्थल है जो लोगों को अपनी और आकार्षित करते है । इस देश मे घूमने के लिए कई प्राचीन मंदिर है जो अपनी प्राचीन कहानियो और अपनी अदभुत शक्तियों के लिए जाने जाते है । आज मे आपको एक ऐसे ही मंदिर  के बारे मे बताने जा रही हूँ जिसकी कहानी बहुत ही रोचक है । 

                 यह मंदिर राजस्थान के बीकानेर नामक जगह पर स्थापित है । यह एक प्रसिद्द हिन्दू मंदिर है। जिसे सब करणी माता के मंदिर के नाम से जानते है । इस मंदिर को चूहो वाला मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं ।


करणी माता मंदिर


माता के जन्म कि कथा 

                  कहा जाता है कि माता करणी का जन्म 1387 मे एक चारण परिवार मे हुआ था । करणी माता के बचपन का नाम रिघुबाई था । माता रानी कि शादी साठीका नामक गाँव में रहने वाले किपोजि चारण नामक व्याक्ति से हुई था । किंतु शादी के कुछ समय बाद उनका सांसारिक जीवन से मन उठने लगा उन्होंने फैसला किया कि वह अब इस शादी को और नहीं चला पाएगी उन्होंने फैसला किया कि वह अपने पति का दूसरा विवाह करा देंगी उन्हीने किपोजि चारण कि दूसरी शादी अपनी ही छोटी बहन जिसका नाम गुलाब था उन से करवा दी थी । और इन सब के बाद वह पूरी तरह से अपनी माता कि भक्ति मे लीन हो गई और लोगों के दुःख दर्द को दूर करने मे लग गई थी । यहाँ माना जाता हैं कि करणी माता पूरे 151 सालो तक जीवित रही और जब तक वो जीवित रही उन्होंने बस माता कि भक्ती और गरीब और असहाय लोगों के दुःख दूर करने मे अपना जीवन व्यतीत कर दिया ।




इस मंदिर को चूहो वाला मंदिर भी कहा जाता है ।

इस मंदिर कि सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस मंदिर मे चारों और चूहे ही चूहे है कुछ काले रंग के है तो कुछ सफ़ेद रंग के है माना जाता है कि इनकी संख्या लगभग 25000 से भी अधिक है । माना जाता है कि एक बार करणी माता कि सन्तान उनके पति और उनकी बहन गुलाब और उसका पुत्र लक्ष्मण कपिल सरोवर में स्नान करने के लिए गए लेकिन अचानक वो सब डूब गए थे जब ये सब बातें माता को पता चली तो उन्होंने यमराज से लक्ष्मण को जीवित करने कि बहुत प्राथना कि परन्तु उन्होंने कहा कि माता यह असंभव है जो एक बार मृत्यु को प्राप्त कर ले वह दुबारा इस संसार मे पुनः जीवित हो कर नहीं आ सकता परन्तु माता अपनी बात पर अटल रही और यमराज से बार बार प्राथना करती रही आखिरकार यमराज को विवश होकर उन्हें चूहे के रूप मे पुनर्जिवित करना पड़ा । माना जाता है कि तभी से इस जगह पर चूहे रहने लग गए माना जाता है कि इन चूहो  मे से कूछ सफ़ेद रंग के है यह मान्यता है कि यदि पूजा करते हुए यह मंदिर कि परिक्रमा करते हुए वह सफ़ेद चूहा नजर आ जाए तो आपकी मनोकामना अवश्य पूरी हो जाती है ।

इन चूहो से जुड़ी एक और कहानी भी है ।

      बिकानेर के आस पास के रहने वाले गांव मे इन चूहो पर एक अलग ही कहानी बताई जाती है उनके अनुसार एक बार एक बहुत बड़ी सेना कि टुकड़ी इस राज्य पर आक्रमण करने के लिए आई थी जिन्हें माता ने अपनी शक्ति से चूहो मे बदल दिया था तभी से ये चूहे इसी मंदिर मे रहने लगे इन चूहो कि एक विशेषता यह भी है कि सुबह और शाम को होने वाली माता कि आरती मे सभी चूहे शामिल होते है।

प्रसाद के रूप मे मिलता है चूहो का झूठा 

        इस मन्दिर कि एक विशेषता इस मंदिर मे मिलने वाला प्रसाद भी है । यहाँ पर प्रसाद के रूप मे चूहो द्वारा झूठा किया गया दूध प्रसाद के रूप मे मिलता है ।

करणी माता का मंदिर

      करणी माता का मंदिर एक प्रसिद्द हिन्दू मंदिर है । इस मंदिर मे मुख्य रूप से माता करणी कि मूर्ति स्थापित है । मंदिर के मुख्य द्वार पर संगमरमर पर सूंदर नक्काशी कर रखी है जो मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र है । यहाँ के दरवाजे चांदी के है और माता रानी का छ्त्र सोने का बना हुआ है चूहो के दुध पीने के लिए एक बड़ी चांदी कि परात रखी गई है । 

                  यहाँ माता के दर्शनों के लिए दूर दूर से श्रधालु आते है । श्रधालुओं का यह मत है कि माता करणी साक्षात जगदम्बा माता का अवतार है जैसे हि आप इस मंदिर के अंदर जाएंगे वैसे हि आप चूहो से भरे इस मन्दिर को देखते हि रह जाएंगे यह चूहे चारों और कूदते दिखाई देंगे ।


मुख्य द्वार


मान्यता 

                  इस मंदिर को लेकर बहुत सी मान्यतायें है । कहा जाता हैं कि यह माता सभी रोगों का नाश करती हैं जो भी सच्चे मन से माता के चरणों में अपना शीश झुकाता है उसके माता सभी रोग दूर करती हैं । हर वर्ष लाखों की संख्या में सेलानी यह आते है और माता के मंदिर के दर्शन करते है यह पहुँच कर आपको एक अदभुत शांति का एहसास होता है | 

                    उम्मीद है की हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी | यदि आप इसके बारे में और अधिक जानना चाहते हैं या फिर किसी और मंदिर या जगह की जानकारी लेना चाहते है तो कृपया कोमेंट बॉक्स में लिखे यदि  इस आलेख को लिखते हुए हमसे कोई ग़लती हुई हो तो उसके लिए हमे क्षमा करे और हमे कोमेंट करके ज़रुर बताए ताकि हम आपको अपने आने वाले आलेख में एक बहेतरिन सुधार के साथ आपको अच्छी जानकारी उपलब्ध कराए |

                                                                         जय माता दी 

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