नमस्कार दोस्तों ,
आज में फिर आपके पास एक नये ब्लॉग के साथ आई हूँ | आज में आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रही हु जिसके बारे में शायद आपने पहले नही सुना होगा | आज में आपको एक ऐसे किले के बारे में बताने जा रही हु जो अपनी खूबसूरती के साथ साथ अपने साथ जुड़े कुछ रहस्यमई कहानियों के लिए भी जाना जाता है |आज में आपको राजस्थान के भानगढ़ किले के बारे में बताने जा रही हु |
राजस्थान में स्थित भानगढ़ किला बहुत ही सुन्दर और आकर्षित है यह लोग दूर दूर से घूमने और इस किले को देखने आते है | यहा किला लगभग 400 साल पुराना है | इस किले के चारो और लोगो के खुबसूरत घर है पर हैरानी की बात यह है की इन घरो के उपर छत नहीं है | माना जाता है की अगर कोई भी अपने घर के उपर छत डालने की कोशिश करता है तो या तो वो छत गिर जाती है या फिर चटक जाती है |
इस किले से जुडी कहानी
माना जाता है की यह किला 17 वी शताब्दी में माधो सिंह ने अपने छोटे बेटे मानसिंह के लिए बनवाया था | इन घरो पर छत न होने का कारण एक ऋषि का श्राप है | परन्तु कुछ लोगो का यह भी कहना है कि इन घरो पर छत न होने का कारण यह पर बसे भुत और आत्मा है | कुछ लोगो का कहना है की अगर इन घरो की दीवारों पर कान लगाये तो इनके अंदर से भूतो की आवाज़े सुनाई देती है |
इस किले से जुड़े श्राप की कहानी
कुछ लोगो का कहना है की जिस धरती पर इस किले को बनवाया गया है वह गुरु बलूनाथ जी नाम का एक बड़ा तपस्वी रहा करता था | जब माधो सिंह ने इस किले का निर्माण कार्य शुरू कियां तो उसे पहले उन्होंने उस तपस्वी से वहा किला निर्माण करवाने के लिए अनुमति मांगी थी | तपस्वी ने एक शृत पर राजा को वह किला निर्माण करवने की अनुमति दी । वहा शर्त यहाँ थी कि किले का निर्माण इस तरह से करवाया जाये ताकि कभी उसके आश्रम पर इस किले की छाया ना पड़े यदि कभी उस किले की छाया तपस्वी के आश्रम पर पड़ी तो | कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है |
राजा ने किले का निर्माण तपस्वी की शर्तो के अनुसार करवाया किन्तु उनके मरने के बाद उनके उतराधिकारी अजब सेन ने उस शर्त की अनदेखी कि और महल के चारो और बड़ी बड़ी मजबूत दीवारों का निर्माण करवाया जैसे ही छाया उस तपस्वी के आश्रम पर पड़ी जिसके बाद यह जगह पूरी तरह से बर्बाद हो गई |
इस किले से जुडी रहस्यमई कहानिया
इस किले से जुडी कई रहस्यमई कहानिया और बाते है | भानगढ़ किले को लेकर एक कहानी बहुत ही मशहूर है इस कहानी के मुताबिक इस किले पर एक तांत्रिक ने अपनी काली शक्ति से इसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है कहा जाता है की इस किले का सर्वनाश का मुख्य कारण इस किले में रहने वाली एक राजकुमारी रत्नावती है राजकुमारी रत्नावली बहुत ही सुंदर थी उसकी सुन्दरता के चर्चे दूर दूर तक फैले हुए थे राजकुमारी से शादी करने के लिए कई राजकुमार इच्छुक थे परन्तु राजकुमारी पर एक तांत्रिक का दिल आ गया वह उसके प्यार में पागल हो गया और उसे हासिल करने के लिए उसने एक साजिस चली एक दिन जब राजकुमारी अपनी दसियों के साथ इत्र खरीदने के लिए बज़ार में आई तो तांत्रिक ने चुपके से इत्र की बोतल में अपना काला जादू फूंक दिया जब राजकुमारी ने उस इत्र की बोतल का दक्कन खोला तो उन्हें कुछ गड़बड़ होने का एहसास हो गया और राजकुमारी ने उस इत्र की बोतल को बहार फेंक दिया और उस बोतल से तन्त्रिक को चोट लग गई परन्तु जब इसका पता राजा को चला तो उन्होंने उस तांत्रिक का खून करवा दिया |
तान्त्रिक ने मरते वक़्त यह श्राप दिया की इस जगह पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति जिवीत नहीं रहेगा और ना ही उसे मुक्ति मिलेगी वहा इसी दुनिया में भटकता रहेगा माना जाता है की उन्ही लोगो की आत्मा आज भी इस जगह पर घूम रही है | और उसी तांत्रिक की शक्ति के कारण यह किला तबहा हो गया कुछ लोगो का यहाँ कहना है की जब वो इस जगह पर गये तो उनके साथ कुछ अजीब सी घटनाये हुई और इस समय इस किले की हालत भी कुछ ऐसी है जिसे देखते ही डरावने पन का एहसास होता है | इस किले में सूर्य उदय से पहले और सूर्य असत के बाद रुकने की इजाज़त नहीं है |
कहा जाता है की इस किले के इर्द गिर्द के रास्तो पर रात के समय भूतो और आत्माओ का साया दिखाई देता है | यह पर रात के समय अजीब अजीब सी आवाजे भी सुनाई देती है इस किले को लेकर यह भी कहा जाता है की जो भी रात के समय इस किले में प्रवेश करता है वह कभी वापिस नही आता | इस किले को भारत के सभी भुतिया जगहों में से एक माना जाता है |
इन कहानियो में कितनी सच्चाई है यह कहना तो मुस्किल है लेकिन कुछ स्थानीय लोगों का कहना है की इन कहानियो में कुछ सच्चाई भी है उन्हे अक्सर इस किले से रोने और चीखने की आवाज़े सुनाई देती है और कुछ आत्माए भटकती हुई दिखाई देती है जो उन लोगो पर हमला भी करती है |
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1 टिप्पणियाँ
Bahut hi interesting hai very nice information
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